बलिया : जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के भवन निर्माण एवं विकास के तमाम बिंदुओं के मूल्यांकन और इसमें आने वाली बाधाओं के निराकरण हेतु उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती मोनिका एस गर्ग ने विश्वविद्यालय परिसर का स्थलीय पर्यवेक्षण किया। विश्वविद्यालय की समस्याओं के निराकरण के हेतु ठोस कार्ययोजना बनाने के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में जिलाधिकारी, सी डी ओ समेत जिले के कई विभाग के आला अधिकारियों ने कुलपति कार्यालय में घंटों विचार – विमर्श किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की अकादमिक प्रगति एवं भविष्य की कार्ययोजनाओं के संबंध में विचार विमर्श के लिए परिसंवाद सत्र का भी आयोजन किया गया। इसमें श्रीमती गर्ग के साथ उच्च शिक्षा के विशेष सचिव मनोज कुमार सिंह, विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्ष, विभिन्न समितियों के सदस्य गण, विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं प्रबंधक गण उपस्थित रहे। उक्त कार्यक्रम में विशेष रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के बाद उच्च शिक्षा के अध्ययन -अध्यापन में आये परिवर्तन पर मंथन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की अकादमिक गतिविधियों में कृषि शिक्षा, महिला अध्ययन, संकुल की गतिविधियों आदि के विवरण जानने के साथ ही भविष्य की योजनाओं में कृषि प्रबंधन एवं पर्यटन में एडवांस स्टडी सेंटर स्थापित करने के संबंध में श्रीमती गर्ग ने आवश्यक सुझाव दिये। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो कल्पलता पाण्डेय ने विश्वविद्यालय की प्रगति के लिए आवश्यक सुझाव व सहयोग देने के लिए श्रीमती मोनिका गर्ग एवं मनोज सिंह का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में स्वागत डाॅ अरविंद नेत्र पाण्डेय, संचालन डाॅ प्रमोद शंकर पाण्डेय एवं धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव एस एल पाल ने किया। इस अवसर पर डाॅ रामशरण पाण्डेय, डाॅ ओ पी सिंह, डाॅ साहेब दूबे, डाॅ अशोक सिंह, डाॅ देवेंद्र सिंह, डाॅ निशा राघव आदि उपस्थित रहे।
उक्त कार्यक्रम में स्ववित्तपोषित महाविद्यालय प्रबंधन एसोसिएशन के सदस्यों ने भी अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग का स्वागत किया और एक मांग पत्र सौंपा। एसोसिएशन की मांगों में विश्वविद्यालय में स्थायी नियुक्तियाँ करने, जलप्लावन/ बाढ़ से विश्वविद्यालय परिसर को बचाने के उपाय करने, भवन निर्माण के लिए लाइट वेट बिल्डिंग तकनीक को अपनाने , विश्वविद्यालय आवागमन को सुगम करने के लिए संपर्क मार्ग को ऊँचा करने जैसी प्रमुख मांगें सम्मिलित थीं। ज्ञापन देने वालों में लल्लन सिंह, वीरेंद्र राय, धर्मात्मानंद , डॉ अखिलेश राय आदि प्रबंधक प्रमुख रूप से उपस्थित थे।