त्योहारों को लेकर शासन की ओर से जारी हुई गाइडलाइन

  • कंटेनमेंट जोन में कोई आयोजन नहीं, और ना ही वहां से कोई व्यक्ति अन्य आयोजन में जाएगा

बलिया –

जिलाधिकारी एसपी शाही ने बताया कि आगामी दिनों में दर्जन भर महत्वपूर्ण त्योहार पड़ रहे हैं, जिसमें अत्यधिक भीड़ होती है। ऐसे में शासन की ओर से कोविड-19 के दृष्टिगत कुछ शर्तों को प्रभावी ढंग से लागू कर त्योहारों को मनाए जाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, स्पष्ट किया है कि कंटेनमेंट जोन में किसी भी त्योहार को नहीं मनाया जाएगा, और न ही इस जोन से किसी आयोजक, कर्मचारी या विजिटर्स को किसी अन्य आयोजन में जाने की अनुमति होगी। साथ ही जयंती, मेला, प्रतिमा स्थापना एवं विसर्जन, जागरण, रामलीला, प्रदर्शनी, रैली, जुलूस आदि के लिए पहले से जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति लेना अनिवार्य होगा। कार्यक्रम स्थल पर कोविड-19 से बचने के उपायों से संबंधित पोस्टर, बैनर लगाने के साथ ऑडियो/विजुअल से प्रचार-प्रसार भी कराए जाने का जिक्र है।

जिलाधिकारी ने कार्यक्रम स्थल के बावत बताया कि पहले से जगह चिन्हित कर उसकी सीमा सुनिश्चित करते हुए बकायदा साइट प्लान तैयार कर लिया जाए, ताकि शारीरिक दूरी बनाए रखने, थर्मल स्कैनिंग और सेनिटाइजेशन के मानक का पालन हो सके। फर्श पर उचित दूरी पर गोला बनाने के साथ प्रवेश द्वार पर हैंड सेनेटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग की सुविधा मुहैया कराना होगा। सभी स्टाफ और दर्शकों को मास्क लगाना अनिवार्य होगा। कार्यक्रम परिसर में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था होगी, जिसमें डिस्पोजल कप या गिलास का प्रयोग किया जाएगा। प्रयोग हुए सामान जैसे फेस कवर या मास्क फेंकने के लिए कवर्ड डस्टबीन रखना होगा। बार-बार प्रयोग में आने वाले स्थान जैसे दरवाजे के हैंडल, बैरिकेडिंग, सीट, बेंच, बाथरूम की टोटी आदि की नियमित रूप से सोडियम हाइड्रोक्लोराइड से सफाई किया जाएगा। यह सब व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए वॉलिंटियर्स की तैनाती आयोजक द्वारा की जाएगी।

जिलाधिकारी ने बताया कि इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि मूर्तियों की स्थापना पारंपरिक, लेकिन खाली स्थान पर की जाए तथा उनका आकार छोटा हो। कार्यक्रम स्थल पर क्षमता से अधिक लोग नहीं रहें। किसी चौराहे या सड़क पर कोई मूर्ति या ताजिया नहीं रखी जाए। मूर्तियों के विसर्जन के बावत में कहा गया है कि इसमें छोटे वाहनों का प्रयोग किया जाए और कम से कम लोग शामिल हों। विसर्जन के लिए रूट प्लान, स्थल का चिन्हांकन, अधिकतम व्यक्तियों की संख्या का निर्धारण, शारीरिक दूरी का पालन जैसे बिंदुओं पर पहले से योजना बना ली जाए और इसे प्रभावी ढंग से लागू कराया जाए। रैली या विसर्जन, जो लंबी दूरी की हो उसमें एंबुलेंस की सेवा में भी प्राप्त की सकती है। कार्यक्रम के दौरान अगर कोई पॉजिटिव मिलता है तो उसके आइसोलेट के लिए भी अलग व्यवस्था के निर्देश हैं।

इन तिथियों में पड़ रहे हैं यह त्योहार

डीएम श्री शाही ने बताया कि शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ 17 अक्टूबर को, महाअष्टमी 23 अक्टूबर को, महानवमी 24 अक्टूबर को, विजय दशमी दशहरा 25 अक्टूबर को, बारावफात 30 अक्टूबर, बाल्मीकि जयंती 31 अक्टूबर, धनतेरस 12 नवंबर, छोटी दीपावली 13 नवंबर को, बड़ी दीपावली 14 नवंबर को, गोवर्धन पूजा 15 नवंबर, भैयादूज 16 नवंबर और छठ पूजा 20 नवंबर को पड़ रही है। रामलीला या दशहरा से संबंधित सामाजिक गतिविधियों में किसी भी बंद जगह या हाल में निर्धारित क्षमता के 50 प्रतिशत, लेकिन अधिकतम 200 व्यक्तियों तक की अनुमति होगी।

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