नगरा / बलिया –
जिले के सफेदपोशों और अफसरों के लिए गंगा नदी विलासिता और भोग का साधन बन गयी है। 137 करोड़ में 2 मीटर चौडी दीवार बना कर कटान को रोका जा सकता था किंतु यह धन बाढ़ में बह गया। जिले की जनता नदी के कटान से मुक्ति चाहती है, एक्सप्रेस वे नहीं। उक्त बातें भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने प्रेसवार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवेे 11 प्रतिशत के लिए है ।इसपर किसानों का ट्रैक्टर नहीं दौड़ पायेगा। जिले को विकास के नाम पर नरक कुंड बना दिया गया है। शहर में ओवरब्रिज और हाइवे जुमला बनकर रह गया।
श्री सिंह ने कहा कि महीने में 85 फीसदी को दो बार राशन देने में बहुत बड़ा खेल है। कॉरपोरेट की मंशा है किसान खेती करना छोड़ दे। पच्चासी फीसदी किसानों का गेंहू सरकारी एजेंसियों ने नहीं ली, जिससे किसानों के गेंहू का 1400 रुपये कुंतल भी खरीदार नहीं हैं। सरकार कार्पोरेट घरानों के साढ़े पांच लाख करोड़ रुपये कर्ज माफ कर रही है तो किसानों का भी कर्ज माफ करे। देश का किसान आठ माह से सड़क पर है। किसानों की वगैर मांग के कानून बना दिया गया। सरकार कृषि कानून को स्थगित कर किसानों से बात करे। बलिया में भी मंत्रियों ने ओवरब्रिज और हाईवे का जुमला पढ़ाया है । कहा कि चीन 1950 में हांगो नदी को बांध दिया लेकिन जिले में 74 साल बाद भी स्थिति जस की तस है ।सरकार बाढ़ से सुरक्षा हेतु आयोग बनाये और आई आई टी विशेषज्ञों की टीम गठित कर बांध का निर्माण कराए। कहे कि एससी एसटी एक्ट और आरक्षण पर सरकार संविधान संशोधन कर सकती है तो शिक्षा मित्रों और वित्तविहीनो के लिए क्यों नही ।वित्तविहीन शिक्षकों को दस हजार रूपये मानदेय सरकार को देना चाहिए ।बलिया नगर के लिए 105 करोड़ हम और पूर्व सांसद भरत सिंह मिलकर धन दिलवाए ।सफेदपोशों ने शहर को खोद डाला और धन का बंदरबांट कर लिया ,आज इसी का परिणाम है कि हर जगह दमकल लगा हुआ है । कहे कि नगरा, रसडा , खेजुरी आदि अस्पतालों पर स्वास्थ्य की कोई व्यवस्था नहीं है ।इन अस्पतालों पर एक्सरे मशीन और डॉक्टर नहीं है ।जिले के अस्पतालों में लूट मची है मगर हम लूटने नहीं देंगे ।