पुर्वोत्तर रेलवे ने शुरू की स्वचलित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (कवच) की कवायद ,हादसों के खतरे में आएगी कमी

गोरखपुर : पूर्वोत्तर रेलवे ने स्वचलित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (कवच) को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं। बाराबंकी से छपरा तक 438 किमी लंबे ट्रैक पर कवच लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस तकनीकी प्रणाली के लागू होने से ट्रेन हादसों का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा।

कवच प्रणाली का मुख्य उद्देश्य एक ही ट्रैक पर आगे-पीछे दौड़ने वाली ट्रेनों के बीच टक्कर को रोकना है। इसके लिए जीपीएस और रेडियो फ्रीक्वेंसी का उपयोग किया जाएगा। यदि किसी ट्रेन के टकराने की स्थिति उत्पन्न होती है, तो दोनों ट्रेनों में ऑटोमेटिक ब्रेक लग जाएगा और पांच किलोमीटर के दायरे में सभी ट्रेनों का संचालन भी तुरंत बंद हो जाएगा।

रेलवे ने इस प्रणाली पर दो साल पहले आरडीएसओ के साथ मिलकर काम करना शुरू किया था और अब स्वदेशी स्वचलित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (कवच) का सफलतापूर्वक विकास किया है। कवच प्रणाली ड्राइवर की चूक को रोकने में मदद करेगी, क्योंकि यह ब्रेक, हार्न, थ्रोटल हैंडल आदि की निगरानी करती है और ड्राइवर से किसी भी गलती पर पहले ऑडियो-वीडियो के माध्यम से अलर्ट करेगी। इसके अलावा, रेड सिग्नल पार होते ही ट्रेन में अपने आप ब्रेक लग जाएगा और पांच किलोमीटर के दायरे में सभी ट्रेनें बंद हो जाएंगी।

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