पंचायत चुनाव में मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने के लिए जारी किए गए दिशा निर्देश

न्यूज़ ऑफ इंडिया

आज दिनांक 16.04.2022 को त्रिस्तरीय पंचायत (आम) निर्वाचन, 2022 मतदान के दिन मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने के संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी गोड्डा ऋतुराज के द्वारा जानकारी दी गई कि झारखण्ड पंचायत निर्वाचन नियमावली, 2001 के नियम -123 द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग को आवश्यक निदेश निर्गत करने की शक्ति प्राप्त है। उक्त नियम के अनुसार

1 – राज्य निर्वाचन आयोग नियमावली के प्रावधानों के अध्यधीन आवश्यक अनुदेश निर्गत कर सकेगा।

2 – राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्गत जिला निर्वाचन पदाधिकारी एवं निर्वाची पदाधिकारी की हस्तपुस्तिका में निर्वाचकों की पहचान साबित करने के लिए वैकल्पिक दस्तावेज का उल्लेख किया गया है। अतः राज्य निर्वाचन आयोग, त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन, 2022 हेतु मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने के लिए निम्नांकित दस्तावेजों की सूची निर्गत करता है। :-

(i) भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया गया मतदाता पहचान पत्र (EPIC)

(¡¡) निर्वाचन तंत्र द्वारा जारी प्रमाणिक फोटोयुक्त मतदाता पर्ची

(iii) पासपोर्ट

(iv) ड्राईविंग लाइसेंस

(V) राज्य/केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रम, स्थानीय निकाय या पब्लिक लिमिटेड कम्पनी द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किये जाने वाले फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र ।

(vi) बैंक/डाकघर फोटोयुक्त पासबुक

(vii) आयकर पहचान पत्र (Pan Card)

(Vill) आधार कार्ड।

(ix) राष्ट्रय जनसंख्या रजिस्टर (NPR)।

(x) महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत जारी फोटोयुक्त जॉब कार्ड।

(xi) फोटोयुक्त स्वास्थ्य बीमा योजना (स्मार्ट कार्ड) । (xii) फोटोयुक्त पेशन दस्तावेज।

3 – उपर्युक्त दस्तावेजों की मान्यता तभी ही दी जायेगी जब वे मूल रूप मे प्रस्तुत किये जायेंगे। पहचान हेतु दस्तावेजों की फोटो कॉपी प्रस्तुत करने पीठासीन पदाधिकारी द्वारा किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं किया जायेगा।

4 – पीठासीन पदाधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित कर दिया जाय कि मतदाता पहचान पत्र में मतदाता का नाम, माता/पिता/पति का नाम लिंग आयु या पता से संबंधित प्रविष्टियों में लेखन अशुद्धि वर्तनी की अशुद्धि आदि को नजरअंदाज कर दें वश मतदाता की पहचान Epic से सुनिश्चित की जा सके। यदि कोई मतदाता फोटो पहचान पत्र प्रदर्शित करता है जो किसी अन्य सभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी द्वारा जारी किया गया है तो ऐसे Epic भी पहचान स्थापित करने हेतु स्वीकार किये जायेंगे बशर्ते कि मतदाता का नाम, जहाँ वह मतदान करने आया है, उस मतदान केन्द्र से संबंधित मतदाता सूची में अंकित है। यदि Epic में मतदाता के फोटो के बेमेल होने के कारण उसकी पहचान स्थापित करना संभव नहीं हो, तो मतदाता को उपरोक्त अंकित दस्तावेजों में से किसी एक वैकल्पिक दस्तावेज जो फोटोयुक्त होगा, को प्रस्तुत करना होगा।

5 – उपरोक्त वैकल्पिक दस्तावेजों में किसी बात के होते हुए भी प्रवासी मतदाता जो अपने पासपोर्ट में विवरणों के आधार पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20 (क) के अधीन निर्वाचक नामावलियों में पंजीकृत है, उन्हें मतदान केन्द्र में केवल उनके मूल पासपोर्ट (तथा कोई अन्य पहचान दस्तावेज नहीं) के आधार पर ही पहचाना जायेगा।

6 – कृपया आयोग के इस निर्देश से निर्वाची पदाधिकारी, पीठासीन पदाधिकारियों एवं निर्वाचन से संबद्ध अन्य पदाधिकारियों को भली-भाँति अवगत करा दिया जाय। आयोग के इस निर्देश को अपने स्तर से भी पम्पलेट/पोस्टर छपवाकर. होर्डिंग लगाकर एवं अखबारों में विज्ञापन जारी कर व्यापक प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित किया जाए एवं इस बात को भी स्पष्ट कर दिया जाए कि जिन मतदाताओं को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता फोटो पहचान-पत्र एवं निर्वाचक तंत्र द्वारा जारी प्रमाणिक मतदाता फोटो पर्ची जारी किया गया है. वे उक्त पहचान पत्रों को अपने साथ लाए तथा जिन मतदाताओं को फोटो पहचान पत्र एवं मतदाता फोटो पर्ची जारी नहीं किय गये हैं. जे आयोग द्वारा निर्धारित वैकल्पिक दस्तावेजों में से किसी एक दस्तावेज की मूल प्रति मतदान के समय अपने साथ अवश्य लाए अन्यथा उन्हें मतदान करने से वंचित कर दिया जा सकता है ।

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