बलिया : डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के 131वी जयंती हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बृहस्पतिवार को जिला सूचना कार्यालय में जिला सूचना अधिकारी अनुराग रंजन ने चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
श्री रंजन ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। भीमराव अंबेडकर का पूरा जीवन संघर्षपूर्ण रहा। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के बाद देश के संविधान के निर्माण में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया। भीमराव अंबेडकर ने जीवन भर कमजोर लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। डॉ. भीमराव अंबेडकर एक राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, दार्शनिक, मानवविज्ञानी और समाज सुधारक थे, जिन्होंने जाति व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाकर दलित समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी। डॉ. अंबेडकर शिक्षा के माध्यम से समाज के कमजोर, मजदूर और महिला वर्ग को सशक्त बनाना चाहते थे। अंबेडकर जयंती का महत्व इसलिए भी खास है क्योंकि यह जाति आधारित कट्टरता की ओर ध्यान आकर्षित करती है, जो आजादी के 75 साल बाद भी हमारे समाज में कायम है। हम इस दिवस को मनाकर वंचितों के उत्थान में बाबासाहेब के योगदान को याद करते हैं।
उन्होंने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया जो जाति, धर्म, नस्ल या संस्कृति की परवाह किए बिना सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है। अंबेडकर ने अछूतों के बुनियादी अधिकारों और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय संस्था बहिष्कृत हितकारिणी सभा का गठन किया। साथ ही दलितों को सार्वजनिक पेयजल आपूर्ति और हिंदू मंदिरों में प्रवेश करने का अधिकार प्रदान करने के लिए भी आंदोलन किया। भारत में उनकी कड़ी मेहनत और योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर फजलुर्रहमान, देश दीपक यादव, अरुण कुमार, अभिषेक, पत्रकार विनय कुमार एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।