उप्र राइस मिलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने भारतीय खाद्य निगम के मिलों के भौतिक सत्यापन को द्वेष वंश की गयी कार्रवाई बताते हुए , मिल के मालिकों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई को दुर्भाग्य पूर्ण कार्यवाही ठहराते हुए जनपद की 16 बड़ी राइस मिलों पर पहले महाप्रबंधक भारतीय खाद्य निगम, लखनऊ,एंव विभागीय अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के उपरांत अपनी रिपोर्ट के आधार पर उक्त मिलों से चावल खरीद पर रोक लगाने और मिल मालिकों पर गणना शीट हस्ताक्षर न करने का आरोप लगाया गया। जबकि मिल मालिकों को इस सम्बन्ध में कोई सूचना तक नहीं दिया था। मिल मालिकों के अनुरोध पर जिलाधिकारी द्वारा भौतिक सत्यापन के लिए दिये गये पत्र पर भौतिक सत्यापन के लिए भारतीय खाद्य निगम के महाप्रबंधक को जांच के लिए जांच अधिकारी नामित करने के लिए डीओ लिख ने दिया। जहां उत्तर न आने के हालत में जिलाधिकारी ने ज्वाइनट मजिस्ट्रेट जुनैद अहमद आईएएस और जिला खाद्य विपणन अधिकारी द्वारा किए गए भौतिक सत्यापन में मिलों में शत प्रतिशत चावल पाया गया।
श्री सिंह ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि जब तक भारतीय खाद्य निगम द्वारा संप्रदान की कोई कार्रवाई नहीं की जाती तब तक राइस मिलों के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई को रोका जाए। क्योंकि राइस मिलर्स कहीं से दोषी नहीं है ।आज भी उनकी मिलो में शत प्रतिशत चावल उपलब्ध है। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक हमारे मिलो में रखे गए भारी मात्रा में चावल को सरकार या विभाग नहीं लेता तब तक हम अपनी राइस मिलो को पुनः चालू नहीं करेंगे। जिसके लिए विभाग और जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा। वार्ता के दौरान सुरेश प्रसाद, ध्रुरूप नारायण, संतोष गुप्ता प्रदेश संयोजक कन्हैया जी सुरेश गुप्ता आदि मौजूद रहे।