सरकार शिक्षा प्रेरकों के साथ कर रही सौतेला व्यवहार

चिलकहर / बलिया –

लोक शिक्षा प्रेरकों की बैठक चोगड़ा सब्जी मंडी पर मधुरेश पांडे की अध्यक्षता में की गयी। अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा कोई साक्षरता कार्यक्रम नहीं करने पर आपत्ति जताते हुए वक्ताओ ने कहा कि सरकार द्वारा साक्षरता मिशन को पीछे की ओर धकेलने की मंशा साफ दिखाई दे रही है। शिक्षा प्रेरकों को यह आशा बनी थी कि शायद सरकार अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर शिक्षा प्रेरकों का बकाया मानदेय देकर उत्तर प्रदेश में 1 लाख से ऊपर शिक्षा प्रेरकों का दिल जीतने का काम करेगी । लेकिन प्रेरकों का बकाया मानदेय न देकर सरकार प्रेरकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।

शिक्षा प्रेरकों के ब्लॉक महामंत्री विक्रमा सिंह ने कहा कि विगत कई वर्षों से मैंने प्रेरकों के बकाया मानदेय हेतु केंद्र व प्रदेश के मंत्री अधिकारियों को पत्र लिख चुका हूं , लेकिन अब तक सरकार द्वारा निराशा ही हाथ लगी है । अभी पिछले हफ्ते ही मैंने केंद्र व प्रदेश सरकार एवं डीएम व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को 40 माह के बकाया मानदेय दिलाने हेतु पत्र लिख चुका हूं।उत्तर प्रदेश विधान सभा फरवरी 2021 के सत्र के दरम्यान व0 स0 पा के विधायक श्याम सुंदर शर्मा द्वारा शिक्षा मंत्री से पूछे गए सवाल पर शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ोतरी पर नकारात्मक उत्तर दिया,किंतु शिक्षा प्रेरकों के बकाया मानदेय पर कहा कि केंद्र सरकार से बजट आने पर मानदेय दिया जाएगा, लेकिन अभी तक भुगतान नही हुआ है।

वक्ताओं में रामनाथ यादव, विजय राम,सुभाष चंद्र वर्मा,मंजू यादव,अनीता यादव, सदानंद वर्मा,राजेंद्र पांडेय,आशा देवी,श्रवण कुमार शास्त्री,सीमा चौबे एवं रामाश्रय प्रमुख थे।

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