बरेली, उत्तर प्रदेश –
ईद के मौके पर दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) ने मुल्क भर के मुसलमानों के नाम अपील जारी करते हुए आव्हान किया कि ईद को बेहद सादगी साथ मानये और गरीबों व ज़रुरतमंदो की ज़्यादा से ज़्यादा मदद करे । लॉकडॉउन का पालन करते हुए दुनिया भर से बिल ख़ुसूस मुल्क-ए-हिंदुस्तान से कोरोना खात्मे की दुआ करे । दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियां ने सभी लोगो को ईद-उल-फ़ित्र की मुबारकबाद देते हुए कहा कि ईद आपसी भाईचारे और खुशियों का त्योंहार है । लेकिन इस साल कोरोना महामारी ने लाखों करोड़ो लोगो से ईद की खुशियों छीन ली । शायद ही कोई ऐसा शख्स बचा हो जिसने अपने किसी दोस्त या अहबाब को खोया न हो । इस महामारी ने ज़िदंगी के साथ ही अनगिनत लोगो के रोज़गार खत्म कर दिए । मुल्क़ के ज़यादातर सूबों में लोग मौत ज़िन्दगी से जूझ रहे है । हर शख्स पर दोहरी मार पड़ी है एक तरफ लोग बीमारी से लड़ रहे है वहीं दूसरी तरफ कारोबार की जद्दोजहद । आगे भी लॉकडाउन की वजह से बेरोज़गारी और भूखमरी का संकट बना हुआ है । ऐसे में धूमधाम से ईद की खुशियाँ कैसे मानये । बेहतर है कि गरीबों में ईद की खुशियां बाँटे ।
मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि इस मौके पर सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) ने आलम ए इस्लाम को मुबारकबाद देते हुए कहा कि ऐसे मुश्किल वक़्त में सभी लोग सब्र और सादगी के साथ ईद मनाये । अल्लाह की बारगाह में तौबा करें । भीड़-भाड़ से बचें । आगे कहा कि पूरे तीस रोज़ो का इनाम अल्लाह अपने बन्दों को ईद के रूप में देता है । इस दिन अल्लाह की तरफ से नवाजिश और इनाम होते है । ईद हमे इस बात की भी दर्स (शिक्षा) देती है कि हम अपने रब की रज़ा की खातिर खूब- खूब इबादत करे । ये इंसानियत का भी त्योंहार है । मुफ्ती सलीम नूरी ने कहा कि हमारा मज़हब हमे बताता है कि हमारी दौलत सिर्फ हमारी ही नही है । अगर उसकी ज़रूरत हमारे भाइयों, बहनों, रिश्तेदारों व पड़ोसियों को है, तो वो उनकी भी है । इसलिए मज़हब ए इस्लाम मे ज़कात और फ़ित्रा का हुक़्म शरई मालदारों को दिया । ताकि लोग गरीबों का खास ख़्याल रखे ।