शशि कुमार / बलिया –
कोरोना काल के बीच सबसे बुरी दशा आम जनता का है और इसी आम जनता के बीच रहता है किन्नरों का समाज ,कोरोना के दूसरी लहर में भी सांस्कृतिक कार्यक्रमो पर मानो ग्रहण लग गया है या यूं माने की ऊपर वाले ने अपनी आंखें बंद कर ली हो। कलेक्ट्रेट परिसर में गुहार लेकर पहुंचे किन्नरों ने मीडिया के सामने अपनी वर्तमान स्थिति को सांझा करते हुए शासन प्रशासन से गुहार लगाई है। कहा आखिर हम कहा जाए सरकार ?
दरअसल किन्नर समाज ,आम समाज के बीच एक ऐसा समाज है जो हमारे और आप के सहयोग से ही उनका जीवन यापन चलता है।पहले कोरोना काल के पहले तरह की तरह कोरोना के दूसरे लहर में भी किन्नरों के कला पर ग्रहण लग गया है तो वही आर्केस्टा संचालक और उनके कलाकारो को भुखमरी सताने लगा है। वही नवरात्रि के बाद लग्न और तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जुड़े आयोजन होने को है। किन्नर कीनू डांसर ने किन्नरों की समस्या रखी और प्रशासन से अपने जीवन-यापन को लेकर हांथ जोड़ कर गुहार लगाई है।