बलिया : जनपद के प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग कार्यालय के अधीन विभिन्न रेंज में लाखों रुपए से खरीद की गई तार व पिलर के लापता होने की बात सामने आई है। कार्यालय प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी, प्रभाग बलिया पत्रांक 3360/6-3-3 के पत्र के माध्यम से प्रकाश में आया कि मनियर ,रसड़ा ,बलिया ,बांसडीह ,बैरिया आदि वन विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय के द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में सघन वृक्षारोपण के वृक्षों के सुरक्षा हेतु तार से फेंसिंग करके पिलर के द्वारा सुरक्षित करने की योजना के लिए कुल 39 लाख 83 हजार 680 रुपये के भुगतान से खरीदे गए तार पिलर निर्धारित स्थान पर नहीं पाए जाने पर बलिया डीएफओ के द्वारा पत्र जारी करके क्षेत्रीय वन अधिकारियों से खरीद की गई सामग्री विषय में जवाब मांगा है।
सूत्रों की माने तो वित्तीय वर्ष 2023-24 के इस मामले में तत्काल प्रभाव भुगतान और सामाग्री क्रय के सभी वित्तीय विभागीय मानकों को ताक पर रखकर किया जाना इस बड़े घोटाले में जनपद स्तरीय अधिकारी का सम्मिलित होना प्रतीत होता है। इतनी बड़ी धनराशि की खरीद में डीएफओ द्वारा किसी टेंडर का भी पालन नहीं किया गया। पिलर तार से संबंधित भुगतान सरकारी कार्यालय के क्रय विक्रय के लिए बनाया गया जैम पोर्टल पर भी नहीं दिखाना यह बड़े घोटाले की ओर संकेत करता है। प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी कार्यालय से मात्र 100 मीटर की दूरी पर कृष्ण विहार कॉलोनी से चंदू की तक, मार्ग पर चार लाख 37 हजार 330 रुपए की लागत से लगभग 5 हेक्टेयर में कागजों में लगाए गए वृक्षों की सुरक्षा के लिए तार और पिलर लगा दिए गये जो कागजी शेर प्रतीत होता है। इसी से इस बात से अंदेशा लगाया जा सकता है कि प्रभागीय निदेशक के कार्यालय के नजदीक इतना बड़ा भ्रष्टाचार का खेल हुआ और किसी को जानकारी नही हुई ?
यह कैसे संभव होगा कि इसमें डीएफओ एवं उनके अधीनस्थों का रोल न होगा।जहां सरकार व जन प्रतिनिधि जनपद को हरा-भरा करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। वही वन विभाग के भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों की वजह से सरकारी धन को चूना लगाया जा रहा है। इतनी भारी मात्रा में बलिया जनपद से पिलर और तार क्रय किया गया है जिसकी भनक जिले के आला अफसरों को भी नहीं है और नाही कोई स्टॉक मौके पर उपलब्ध है ? यह तो जाँच का विषय है कौन कौन इस खेल में शामिल है ?