बलिया : विश्व वेटलैण्ड दिवस 02 फरवरी, 2024 के अवसर पर जयप्रकाश नारायण पक्षी विहार, सुरहाताल के किनारे वाचटावर के पास वृहद रूप से मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के मानद लोकपाल श्री गणेश शंकर पाठक रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग, बलिया विमल कुमार आनन्द द्वारा किया गया तथा संचालन नितेश कुमार पाठक द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में बलिया वन प्रभाग के समस्त क्षेत्रीय वन अधिकारी एवं समस्त स्टाफ उपस्थित रहे। सभी लोगों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रभागीय निदेशक द्वारा उपस्थित समस्त आगन्तुकों का स्वागत
किया गया तथा वेटलैण्ड की महत्ता पर विस्तार से अपना विचार रखा गया। उनके द्वारा बताया गया कि जिस प्रकार से हमारे शरीर में किडनी कार्य करती है, उसी प्रकार आर्द्रभूमि भी धरती पर पर्यावरण को शुद्ध करने में अपने भूमिका निभाते है।
उक्त कार्यक्रम में ज्ञानपीठिका स्कूल जीराबस्ती बलिया, सुखपुरा इण्टर कालेज सुखपुरा, टाउन इण्टर कालेज बलिया एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय शेरवांकला के बच्चों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में चित्रकारी प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता एवं भाषण प्रतियोगिता का
आयोजन किया गया। उपरोक्त समस्त प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेता छात्र छात्राओं को मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष महोदय द्वारा पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण पूर्व माध्यमिक विद्यालय, शेरवाकलां के छात्र-छात्राओं द्वारा नाटक एवं फिजिकल कार्यक्रम रहा। सभी बच्चों ने अपने-अपने बिन्दु पर ने अपने-अपने बिन्दु पर अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का प्रयास किया।
गणेश कुमार पाठक जी द्वारा अपने उद्बोधन में बताया गया कि सुरहाताल उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा वेटलैण्ड है, जहां बारह मास पानी रहता है किन्तु धीरे-धीरे सुरहाताल में भी पानी की कमी होती जा रही है, इसका मुख्य कारण बारिश का कम होना तथा कटहलनाला जैसे कई नाले आकर सुरहाताल में मिलते है, जो सुरहाताल में जल के स्त्रोत है, इन पर अतिक्रमण हो जाना तथा इनकी साफ- सफाई न होना सुरहाताल में पानी सूखने का मूल कारण है। सुरहाताल के तली का भी कभी साफ-सफाई न होने से भी सुरहाताल का तल उथला होता जा रहा है। इस प्रकार से यदि सुरहाताल सूखता रहा तो इसकी उर्वरा क्षमता भी समाप्त हो जायेगी। अन्त में सभा की अध्यक्षता कर रहे प्रभागीय निदेशक विमल कुमार आनन्द द्वारा सभी आये हुए अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। बच्चों को प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया तथा विश्व वेटलैण्ड दिवस 2024 की बधाई देते हुए सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।