बलिया : उप कृषि निदेशक ने कृषकों से अपील करते हुए कहा है कि धान की कटाई के उपरान्त खेतों में पराली/फसल अवशेष न जलाये अपितु इसका वैकल्पिक उपयोग यथा-बायो एनर्जी, कम्पोस्ट खाद आदि में उपयोग करें। मा0 राष्ट्रीय हरित अधिकरण की धारा 24 एवं 26 के अन्तर्गत खेत में फसल अवशेष जलाना एक दण्डनीय अपराध है, पर्यावरण क्षतिपूर्ति हेतु दण्ड के प्राविधान है जिसमें 02 एकड़ तक के किसानों को रुपए दो हजार पांच सौ-प्रति घटना जुर्माना, 02 एकड़ से 05 एकड़ तक के किसानों को रूपये 05 हजार प्रति घटना जुर्माना एवं 05 एकड़ से अधिक भूमि पर रुपए 15 हजार प्रति घटना जुर्माना। अपराध की पुनरावृत्ति करने पर कारावास, अर्थदण्ड एवं विभाग द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं आदि से वंचित कर दिया जायेगा।
कम्बाईन मालिको को कम्बाई का उपयोग करते समय सुपर एसएमएस का प्रयोग करना अनिवार्य कर दिया है। सुपर एसएम एस के विकल्प के रूप में अन्य फसल अवशेष प्रबन्धन के यन्त्र जैसे स्ट्रा रीपर, स्ट्रा रेक, बेलर, मल्चर, पैडी स्ट्राचापर, श्रब मास्टर, रोटरी स्लेशर, रिवरसिबुल एम0बी0 प्लाऊ, का प्रयोग कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ किया जा सकता है। कृषि यन्त्र सुपर सीडर, हैप्पी सीडर एवं जीरो सीडड्रिल से गेहॅू की बुवाई करें। पराली से जैविक खाद बनाकर उर्वरक लागत कम करें। नजदीक के निराश्रित गौशाला में पराली देकर गोबर खाद प्राप्त करें। कृषि विभाग, पुलिस विभाग व राजस्व विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी व कर्मचारियों को अपने- अपने क्षेत्रों में पराली जलाने से रोकने के लिए संयुक्त टीम का गठन किया गया है।
जनपद स्तर से पराली जलाने की घटनाओं को रोकने हेतु मॉनिटरिंग किया जायेगा।
प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैनेजमेन्ट फॉर इन सीटू मैनेजमेन्ट आफ क्राप रेजीड्यू योजनान्तर्गत फसल अवशेष प्रबन्धन के कृषि यन्त्र जैसे-हैपी सीडर, सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम, पैडी स्ट्रा चॉपर, श्रेडर, मल्चर, कटर कम स्प्रेडर, श्रब मास्टर, हाइड्रोलिक रिवरसेबुल एम0बी0 प्लाऊ, रोटरी स्लेशर, जीरोट्रिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, सुपर सीडर, बेलर इत्यादि का विभागीय साईट-www. upagriculture.com पर सभी विकास खण्डों के कृषक आनलाईन टोकन जनरेट करते हुए यन्त्रों पर 50 प्रतिशत तक अनुदान का लाभ प्राप्त कर सकते है।