बलिया : जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में गुरु वंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विवि के दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ के तत्वावधान में उच्च शिक्षा के सेवानिवृत शिक्षकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. संजीत कुमार गुप्ता, कुलपति ने कहा कि यह दिन उन गुरुओं को स्मरण करने का है जिन्होंने भी हमें जीवन में कुछ सिखाया है। सम्मानित गुरुओं के चरणागम से हमारे विवि का कल्याण होगा। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए प्रो. लल्लन जी सिंह, पूर्व कुलपति, हेमवतीनंदन बहुगुणा विवि, उत्तराखंड ने कहा कि प्रकृति प्रदत्त हमारी प्रथम गुरु माँ है, जिसने हमें जीवन का प्राथमिक ज्ञान दिया।
विशिष्ट अतिथि प्रो. गोपालनाथ तिवारी, पूर्व प्रोफेसर, आई. आई. टी., दिल्ली ने कहा कि शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होते क्योंकि शिक्षक विद्यार्थियों को जीवनपर्यंत ज्ञान प्रदान करता है। हम सभी शिक्षक यदि राधाकृष्णन नहीं बन सकते तो अपने गाँव का तो राधाकृष्णन बन ही सकते हैं। विशिष्ट अतिथि तुलसीराम ने कहा कि हम सभी गुरु ऋण से कभी उऋण नहीं हो सकते। भारतीय परंपरा में गुरु की महत्ता अत्यधिक रही है। यह गुरुवंदन का कार्यक्रम उसी की एक कड़ी है। विशिष्ट अतिथि परमेशवरन श्री रहे।
कार्यक्रम का संचालन शोधपीठ के निदेशक प्रो. रामकृष्ण उपाध्याय ने किया। कार्यक्रम में प्रो. कामेश्वरनाथ सिंह, प्रो. कल्पनाथ चौबे, प्रो. दिलीप श्रीवास्तव, प्रो. हैदर अली, प्रो. गणेश पाठक, प्रो. अंजनी कुमार सिंह, प्रो. रामशरण पाण्डेय, प्रो. गजेंद्रपाल सिंह, प्रो. रीना सक्सेना, प्रो. प्रतिभा त्रिपाठी आदि प्राध्यापकों को सम्मानित किया गया।