बलिया : सीडीओ प्रवीण वर्मा की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सांख्यिकीय आंकड़ों के कलेक्शन के लिए सेंसटाइजेशन कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें मौजूद उद्यमियों व जनप्रतिनिधियों को डाटा कलेक्शन की आवश्यकता व इसके फायदों के बारे में बताया गया। यह भी अपेक्षा की गई कि अन्य लोगों को भी इस सर्वेक्षण के बारे में बताएं, ताकि गुणवत्तापूर्ण आकलन उपलब्ध हो सके।
सीडीओ ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में हो रहे निवेश, विनिर्माण के क्षेत्र में हो रहे विनिर्माण, सेवाक्षेत्र, व्यापार आदि के क्षेत्रों में सम्बन्धित विभागों द्वारा किये जा रहे योगदान का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण आकलन विभिन्न सर्वेक्षणों के माध्यम से उपलब्ध हों, इसके लिए सम्बन्धित सेक्टर से जुड़ी सभी इकाईयों एवं उनके उत्पादों से जुड़े आंकड़ों के आंकलन करने वाले सम्बन्धित संस्थाओं एवं विभागों का जागरूक करना है। उपस्थित लोगो को कार्यशाला में बताया गयी महत्वपूर्ण जानकारियों का लाभ लेते हुए सही एवं शुद्ध आंकड़ों को उपलब्ध कराये जाने के लिए सहयोग प्रदान करने की अपील किया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सांख्यिकीय एवं कार्यान्वयन मंत्रालय भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न सर्वेक्षणों यथा वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (ASI) राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण (NSS) Periodic Labour Force Survey (PLFS) एवं Annual Survey of Unincorporated Sector Enteprises (ASUSE) के सर्वेक्षणों के दौरान सर्वेक्षण की जानकारी के अभाव में प्रतिदर्श ईकाईयों से आंकड़ों के संग्रहण में अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाता है, जिससे संग्रहीत आंकड़ों का प्रदेश की अर्थव्यवस्था में वास्तविक रूप से परिलक्षित नहीं होता है। इसीलिए लोगों को इसके प्रति जागरूक होने की जरूरत है।
कार्यशाला में बताया गया कि भारत की आजादी के अमृतकाल में मुख्यमंत्री जी के एक भव्य एवं विकसित भारत के निर्माण के प्रण तथा प्रदेश को “वन ट्रिलियन डालर” अर्थव्यवस्था बनाने की संकल्पना के दृष्टिगत प्रदेश में विकास के अलग-अलग आयामों को बल प्रदान करने के लिए समग्र रूप से अथक प्रयास किये जा रहे है, जिनका वास्तविक प्रतिविम्ब विभिन्न सर्वेक्षणों के माध्यम से प्राप्त होने वाले आंकड़ों में होना परम आवश्यक है। बैठक में प्रतिभाग करने वाले लोगो को बताया गया कि वे आंकड़ों को सही एवं शुद्ध रूप में उपलब्ध करायें। जो ईकाईयां बंद हो गयी है, उनको हटा दिया जाए। जो नई ईकाईयां या यूनिट स्थापित हो, उनको सर्वेक्षण में सम्मिलित किया जाए।
कार्यशाला में यह भी बताया गया कि सभी यूनिटों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रूप से हो। कोई भी यूनिट रजिस्ट्रेशन से छूटने न पाये। हितधारक परिवार, कारखानें, दुकानें, छोटे व्यवसाय, स्वास्थ्य देखभाल ईकाईयों क्लब शिक्षा संस्थान, कानूनी व परिवहन संगठन को भी यह आश्वसत करना है कि उनके द्वारा साझा की गयी जानकारी का उपयोग उनकी व्यक्तिगत पहचान उजागर नहीं किया जाएगा, बल्कि सिर्फ सांख्यिकीय उद्देश्य के लिए ही किया जायेगा। इसलिए सभी हितधारक सर्वेक्षणकर्ताओं को वांछित सही सूचना देकर ही उनको सहयोग प्रदान करें। इस अवसर पर डीएसटीओ विजय शंकर, नीरज श्रीवास्तव, हेमन्त कुमार एनएसएसओ अखिलेश श्रीवास्तव, भोला मौर्य, समस्त अपर सांख्यिकी अधिकारी के अलावा उद्योग तथा व्यापार मण्डल के सदस्य, अन्य उद्यमी तथा अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे। संचालन अतुल तिवारी ने किया।