बलिया : जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री श्री चन्द्रशेखर जी की पुण्यतिथि के अवसर पर ‘जननायक चन्द्रशेखर के व्यक्तित्व के विविध आयाम‘ विषयक संगोष्ठी का आयोजन चन्द्रशेखर नीति अध्ययन केन्द्र एवं शोधपीठ द्वारा किया गया। यह संगोष्ठी माननीय कुलपति, प्रो0 संजीत कुमार गुप्ता जी के संरक्षण एवं मार्गदर्शन में सम्पन्न हुई।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री चन्द्रशेखर जी के निकटवर्ती सहयोगी श्री हरिमोहन जी रहें। उन्होंने श्री चन्द्रशेखर जी के व्यक्तित्व के विविध पक्षों पर सारगर्भित व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि श्री चन्द्रशेखर जी वाणी और मर्यादा के प्रतीक थे। उनकी भाषा कभी अमर्यादित नहीं हुई। वे आदर्श राजनीति की मिशाल थे। चन्द्रशेखर जी सम्पादक भी थे और उनकी सम्पादकीय टिप्पणी को राष्ट्रीय स्तर पर गम्भीरता से लिया जाता था।
कार्यक्रम में बीज व्यक्तव्य चन्द्रशेखर नीति अध्ययन केन्द्र एवं शोधपीठ के सहायक निदेशक डाॅ0 प्रवीण नाथ यादव ने दिया। उन्होंने कहा कि चन्द्रशेखर वैचारिक राजनीति के पुरोधा थे। उन्होंने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। गरीबी, शोषण एवं विषमता के विरूद्ध आजीवन संघर्ष किया। चन्द्रशेखर जी के सहयोगी रहे श्री आशीष कुमार सिंह ने कहा कि आज के समय में चन्द्रशेखर जी के विचार सर्वाधिक प्रासंगिक हैं। राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डाॅ0 छबिलाल ने बताया कि श्री चन्द्रशेखर जी ने अवसरवादी राजनीति को कभी स्वीकार नहीं किया। वे परिवारवाद के मुखर विरोधी थे। अर्थशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य डाॅ0 रामसरन यादव ने कहा कि श्री चन्द्रशेखर जी ने संकट की घड़ी में देश को आर्थिक संकट से उबारा था।
संगोष्ठी में सबका स्वागत डाॅ0 अभिषेक त्रिपाठी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डाॅ0 मनोज जायसवाल एवं संचालन डाॅ0 नीरज कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकगण और विद्यार्थीगण सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।