लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विधायिका लोकतंत्र का महत्वपूर्ण स्तम्भ है। प्रदेश सरकार का हमेशा मानना रहा है कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों लोकतंत्र की महत्वपूर्ण धुरी हैं। प्रदेश हित में दोनों पक्ष कार्य करें। जनता-जनार्दन ने जिसको जो दायित्व सौंपे हैं, उसके अनुरूप अपने दायित्वों का निर्वहन करें।सत्र के दौरान
जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों को सदन के पटल पर रखने और प्रदेश सरकार का ध्यान उन मुद्दों की ओर आकर्षित करने का अवसर प्राप्त होगा।
लखनऊ : मुख्यमंत्री आज यहां विधान भवन परिसर में उत्तर प्रदेश विधान मण्डल सत्र के पूर्व मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण से विधान मण्डल सत्र की शुरुआत होगी। आज समवेत सदन को राज्यपाल का अभिभाषण सुनने का अवसर प्राप्त होगा। अभिभाषण के साथ ही, विधान मण्डल के इस सत्र में बजट की कार्यवाही आरम्भ हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधान मण्डल के इस सत्र में 22 फरवरी, 2023 को उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता के लिए बजट प्रस्तुत होगा। दोनों सदनों में अभिभाषण व बजट पर चर्चा होगी तथा इन्हें पारित किया जाएगा। साथ ही, अन्य विधायी कार्य सम्पन्न होंगे। अभी सत्र की कार्यवाही 20 फरवरी से 10 मार्च, 2023 तक निर्धारित की गयी है। विधान सभा अध्यक्ष जी व विधान परिषद के सभापति के मार्गदर्शन में सभी सदस्यगण शनिवार को भी विधायी कार्य करेंगे। सदन को विचार-विमर्श का एक बेहतर मंच बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों का दायित्व है कि वह अपनी बात को प्रभावी व सकारात्मक ढंग से सदन के पटल पर रखें। यह उनका अधिकार है। असहमति हो सकती है, लेकिन असहमति के कारण हम कार्य को बाधित न करें। यह न लोकतंत्र के हित में है और न ही प्रदेश के हित में है। सदन के माध्यम से सदस्यों की बात जनता-जनार्दन व सरकार के पास पहुंचती है। सभी सदस्य जनता-जनार्दन व लोकतंत्र की भावना का सम्मान करते हुए सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाने में अपना सार्थक व सकारात्मक योगदान दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी मुद्दे पर, जो लोकतंत्र, प्रदेश व विधायिका के हित में है, उन सभी मुद्दों पर एक सारगर्भित चर्चा और हर मुद्दे का जवाब देने के लिए तैयार है। प्रदेश की जनता-जनार्दन ने जिस भाव के साथ जनप्रतिनिधियों को सदन में भेजा है, उन भावनाओं के अनुरूप सभी जनप्रतिनिधि आचरण करें। हम सभी को सदन की कार्यवाही को शानदार तरीके से चलाने में अपना सहयोग देना चाहिए, तभी देश के अन्य राज्य विधान मण्डलों के सम्मुख उत्तर प्रदेश विधान मण्डल एक नजीर प्रस्तुत करेगा।