लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मत्स्य विकास विभाग के मंत्री डा. संजय कुमार निषाद ने जानकारी देते हुए बताया है कि ग्राम सभा के पट्टे पर आवंटित तालाबों के पट्टाधारकों के जीवनयापन को बेहतर बनाने एवं विकास की मुख्य धारा लाने और उत्पादन, राजस्व वृद्धि, रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2022-23 से वर्ष 2026-2027 तक के लिए मुख्यमन्त्री मत्स्य सम्पदा योजना (डडडैल्) प्रारम्भ की गयी है।
उन्होंने बताया कि इस योजना में ग्राम सभा के पट्टे पर आवंटित तालाब, जिनका सुधार मनरेगा कनवर्जेन्स अथवा पट्टाधारक द्वारा स्वयं अथवा अन्य विभागों के माध्यम से सुधारे गये तालाबों में प्रथम वर्ष निवेश यथा मत्स्य बीज, पूरक आहार, जलापूर्ति संसाधन, दवाएं जाल आदि के क्रय पर या तालाबों में मत्स्यबीज बैंक की स्थापना के लिए स्पान, फाई, मत्स्य पूरक आहार, जलापूर्ति संसधान, हापा एवं जाल आदि के क्रय पर आवेदक को परियोजना लागत रू. 4.00 लाख प्रति हेक्टेयर पर 40 प्रतिशत (रू. 1.60 लाख) अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा एवं 60 प्रतिशत (रू. 2.40 लाख) लाभार्थी को स्वयं लगाना होगा। एक आवेदक को अधिकतम 2.00 हेक्टेयर जलक्षेत्र तक लाभ अनुमन्य है। यानि अधिकतम रू. 3.20 लाख तक के लाभार्थियों का चयन मत्स्य निदेशालय से आवंटित लक्ष्य के सीमा तक किया जायेगा। ऐसे सभी पट्टाधारक जिनके पट्टे की अवधि न्यूनतम चार वर्ष अवशेष हो इस योजना में विभागीय वेबसाइट पर दिनांक 07.02.2023 से दिनांक 16.02.2023 तक आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि आनलाइन आवेदन करते समय आवेदक को अपना फोटो, आधार कार्ड, पट्टा अभिलेख, स्वहस्ताक्षरित शपथ-पत्र, बैंक खाता विवरण आदि अपलोड करना अनिवार्य होगा। विस्तृत विवरण विभागीय वेबसाइट पर देखा जा सकता है।विस्तृत जानकारी सम्बंधित जिला के मत्स्य पालन विभागीय कार्यालय विकास भवन या मण्डल कार्यालय/मत्स्य निदेशालय, लखनऊ से प्राप्त की जा सकती है।