लखनऊ : मुख्यमंत्री ने वाराणसी में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को किया सम्बोधित

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी प्राचीन काल से ही भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करती रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कर्मस्थली काशी अपनी पुरातन आत्मा को समेटे हुए आज वैश्विक मंच पर स्थापित हुई है। प्रत्येक कालखण्ड में काशी ने कुछ नयापन दिया है। काशी विश्वनाथ धाम नये भारत में विरासत के सम्मान का प्रतीक है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय महामना मदन मोहन मालवीय की कर्म साधना की वह स्थली है, जिसने फार्मा के क्षेत्र में कार्य करने की प्रेरणा आज से 100 वर्ष पूर्व ही प्रदान कर दी थी।

मुख्यमंत्री आज जनपद वाराणसी में आयोजित ‘नेशनल काॅन्फ्रेंस आॅन अपाॅच्र्युनिटी एण्ड ग्रोथ इन फार्मा’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता के बाद फार्मा के क्षेत्र में कार्य करने की अपार सम्भावनाएं थीं। उन सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए गए। विगत 09 वर्षों में अपार सम्भावनाओं वाले इस क्षेत्र में देश के अंदर बहुत कुछ नया हो रहा है। दुनिया के बाजार पर न केवल भारत की पकड़ मजबूत हो रही है, बल्कि भारत अपने आप में दुनिया का एक बहुत बड़ा मार्केट भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया की कुल आबादी का प्रत्येक पांचवां या छठवां व्यक्ति भारत में निवास करता है और भारत की कुल आबादी का हर छठा व्यक्ति उत्तर प्रदेश में निवास करता है। इसलिए जो सम्भावना पूरी दुनिया की दृष्टि से भारत में है, वही सम्भावना भारत के अंदर उत्तर प्रदेश में है। उन्होंने कहा कि फार्मा के क्षेत्र में कार्य करने वाले विशेषज्ञों, रिसर्च फेलो, छात्र-छात्राओं सहित सभी स्टेक होल्डर्स को अपने उज्ज्वल भविष्य के प्रति पूरी तरह आश्वस्त होकर ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ इस क्षेत्र में कार्य करना चाहिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि फार्मा का क्षेत्र बहुत विस्तृत है। भारत ने इस फील्ड में बेहतरीन कार्य किया है। यदि क्वालिटी का ध्यान रखते हुए समयबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा तो देश के साथ-साथ दुनिया की मार्केट पर भी भारत का वर्चस्व हो सकता है। यद्यपि अभी तक अच्छे प्रयास हुए हैं, लेकिन इस दिशा में हमें और प्रयास करने होंगे। फार्मा के क्षेत्र में जो नये रिसर्च, पेटेण्ट किए गए हैं, उन पर भारत ने बेहतरीन कार्य किया है। फार्मा के क्षेत्र में संस्थाओं के स्तर पर प्रयास करने होंगे। इन प्रयासों में डाॅक्युमेंटेशन और पब्लिकेशन के लिए स्वयं को तैयार करना, रिसर्च की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाना और अपनी रिसर्च को पेटेण्ट कराने के लिए समय पर तत्पर होना शामिल हैं। यदि हम इस प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाते हैं तो इस फील्ड में हमारी पकड़ उतनी मजबूत होगी, जितनी आज दुनिया आशा भरी निगाहों से भारत की ओर देख रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी फार्मा के क्षेत्र में अपार सम्भावनाएं हैं। लखनऊ और पटना के बीच फार्मा के 02 बड़े मार्केट हैं। एक वाराणसी और दूसरा गोरखपुर है। पटना तक दवा की आपूर्ति वाराणसी से होती है और काठमाण्डू तक दवा की आपूर्ति गोरखपुर से होती है। फार्मा के क्षेत्र में नये संस्थानों की स्थापना, रिसर्च को बढ़ावा देकर अनुकूल परिस्थितियों में इस प्रकार के उत्पाद को आगे बढ़ाकर इस फील्ड को और तेजी के साथ विकसित कर सकते हैं। इस क्षेत्र में घरेलू मार्केट पर अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ-साथ वैश्विक मंच पर छाने का अवसर हम सबके सामने है जिससे उत्तर प्रदेश, फार्मा का एक बड़ा केन्द्र बनकर उभरेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर जी-20 समिट से जुड़ने का अवसर हम सभी को प्राप्त होगा। दूसरी ओर प्रदेश की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का भी आयोजन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के युवाओं को तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाने के लिए लगभग 02 करोड़ युवाओं को टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरण करने का कार्य किया जा रहा है। बिना भेदभाव के लगभग 20 लाख युवाओं को इससे जोड़ा जा चुका है। मुख्यमंत्री जी ने जनपद वाराणसी भ्रमण के दौरान काशी विश्वनाथ मन्दिर में दर्शन-पूजन भी किया।इस अवसर पर श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, विधायक डाॅ0 अवधेश सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, फार्मेसी काउन्सिल आॅफ इण्डिया के प्रेसीडेण्ट डाॅ0 मोन्टू कुमार एम0 पटेल व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

Leave a Comment