लखनऊ : भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज जनपद जालौन की तहसील उरई स्थित ग्राम कैथेरी में 14,800 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 296 किलोमीटर लम्बाई के बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का स्वागत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चितेरी शैली का बुन्देली गमछा एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर किया।
ज्ञातव्य है कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 07 जनपदों-चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया, इटावा से होकर गुजरेगा। 296 किलोमीटर लम्बाई का यह एक्सप्रेस-वे चित्रकूट के भरतकूप से शुरू होकर जनपद इटावा के कुदरौल के पास आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से मिलेगा। यहीं से यह एक्सप्रेस-वे देश की राजधानी नई दिल्ली से भी जुड़ेगा।
प्रधानमंत्री ने मंच पर आने से पूर्व, आयोजन स्थल पर हरीशंकरी (पीपल, बरगद तथा पाकड़) के पौधे रोपे। उन्होंने बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के मॉड्यूल, सैण्ड कलाकारों द्वारा बनायी गयी कलाकृतियों तथा उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा सम्बन्धी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
प्रधानमंत्री ने लोकार्पण समारोह में अपना सम्बोधन बुन्देली भाषा में प्रारम्भ किया। आधुनिक बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण के लिए उत्तर प्रदेश व बुन्देलखण्ड के लोगों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह एक्सप्रेस-वे बुन्देलखण्ड की गौरवशाली परम्परा को समर्पित है। बुन्देलखण्ड के बेटे-बेटियों के पराक्रम और परिश्रम ने हमेशा देश का नाम रोशन किया है। उत्तर प्रदेश का जनप्रतिनिधि होने के नाते बुन्देलखण्ड की धरती को आज एक्सप्रेस-वे का यह उपहार देते हुए उन्हें विशेष खुशी मिल रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के आशीर्वाद से वे 08 साल से देश के प्रधानसेवक का जिम्मा निभा रहे हैं। उन्होंने हमेशा देखा है कि उत्तर प्रदेश की दो कमियां पूरी कर दी जाये, तो उत्तर प्रदेश चुनौतियों को चुनौती देने की ताकत देने के साथ खड़ा हो जायेगा। यह कमियां पहले की सरकारों के समय की खराब कानून-व्यवस्था तथा खराब कनेक्टिविटी की हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश के लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की तस्वीर बदल दी है। मुख्यमंत्री की सरकार के कार्यकाल में कानून-व्यवस्था सुधरी है और कनेक्टिविटी सुधर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सात दशकों में उत्तर प्रदेश में यातायात के आधुनिक साधनों के लिए हुए काम से ज्यादा काम वर्तमान में हो रहा है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण से चित्रकूट से दिल्ली की दूरी 03 से 04 घण्टे कम हुई है। इसका लाभ, इससे ज्यादा होगा। यह पूरे बुन्देलखण्ड क्षेत्र के वाहनों को गति देने के साथ ही, औद्योगिक प्रगति को भी गति देने वाला है। एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ उद्योग स्थापित किये जायेंगे। भण्डारण, कोल्ड स्टोरेज की सुविधाएं बनेंगी। कृषि आधारित उद्योग लगाना आसान होगा। कृषि उपज को नये बाजारों में पहुंचाना आसान होगा। डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर को भी इस एक्सप्रेस-वे से मदद मिलेगी। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे, बुन्देलखण्ड क्षेत्र के कोने-कोने को विकास, स्वरोजगार और नये अवसरों से जोड़ने वाला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय में माना जाता था कि यातायात के आधुनिक साधनों पर पहला अधिकार मुम्बई, चेन्नई, कोलकाता, बंगलुरु, दिल्ली जैसे बड़े-बड़े शहरों का है। सरकार बदली-मिजाज बदला, अब पुरानी सोच को छोड़कर हम नये तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। वर्ष 2017 के बाद उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी में जो काम शुरू हुए, उसमें बड़े शहरों के साथ छोटे शहरों को भी उतनी ही प्राथमिकता दी गई।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजर रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, लखनऊ के साथ ही बाराबंकी, अमेठी, सुलतानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से गुजर रहा है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे अम्बेडकरनगर, संतकबीरनगर और आजमगढ़ को जोड़ता है। गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज को जोड़ने का काम करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश का हर कोना नये सपनों, नये संकल्पों के साथ दौड़ने को तैयार है। यही ‘सबका साथ, सबका विकास’ है। न कोई पीछे छूटे, सब मिलकर आगे बढ़ें, डबल इंजन की सरकार इसी ओर कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश के छोटे-छोटे जिले हवाई सेवा से जुड़ें, इसके लिए भी तेजी से काम किया जा रहा है। बीते कुछ समय में प्रयागराज, गाजियाबाद में नए एयरपोर्ट टर्मिनल बनाए गए, कुशीनगर में नए एयरपोर्ट के साथ ही नोएडा के जेवर में एक और इण्टरनेशनल एयरपोर्ट पर काम चल रहा है। भविष्य में उत्तर प्रदेश के कई और शहरों को भी हवाई रूट से जोड़ने की कोशिश हो रही है। ऐसी सुविधाओं से पर्यटन उद्योग को भी बहुत बल मिलता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यूरोप में किले देखने का टूरिज्म उद्योग चलता है। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे बनने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार बुन्देलखण्ड के किलों को देखने के लिए शानदार टूरिज्म सर्किट बनाए। दुनिया भर के टूरिस्ट यहां आए और बुन्देलखण्ड की इस ताकत को देखें। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश सरकार से कहंेगे कि ठण्ड के दिनों में किले पर चढ़ने की प्रतिस्पर्धा शुरू की जाए। इसमें भी कठिन से कठिन रास्ते से किले पर चढ़ने की प्रतियोगिता आयोजित की जाए। इससे बड़ी संख्या में लोग यहां आयेंगे और रुकेंगे। इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर बनेंगे। उन्होंने कहा कि एक एक्सप्रेस-वे का निर्माण इतने प्रकार के कार्यों के अवसर को जन्म देता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में उत्तर प्रदेश आज जिस तरह से आधुनिक हो रहा है, वह अभूतपूर्व है। जिस उत्तर प्रदेश में सरयू नहर परियोजना को पूरा होने में 40 साल लगे, गोरखपुर फर्टिलाइजर प्लांट 30 साल से बंद पड़ा था, अर्जुन डैम परियोजना को पूरा होने में 12 साल लगे, अमेठी रायफल कारखाना सिर्फ एक बोर्ड लगाकर के पड़ा हुआ था, रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री डिब्बे नहीं बनाती थी, सिर्फ डिब्बों का रंग-रोगन करके काम चला रही थी, उस उत्तर प्रदेश में अब इन्फ्रास्ट्रक्चर पर इतनी गम्भीरता से काम हो रहा है, कि उसने अच्छे-अच्छे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है। पूरे देश में अब उत्तर प्रदेश की पहचान बदल रही है। आज उत्तर प्रदेश का नाम रोशन हो रहा है। अब पूरा देश उत्तर प्रदेश के प्रति बड़े अच्छे भाव से देख रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल हाई-वे या एयर-वे ही नहीं, शिक्षा, मैन्युफैक्चरिंग, खेती-किसानी सहित उत्तर प्रदेश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। पहले की सरकार के समय में उत्तर प्रदेश में हर साल औसतन 50 किलोमीटर रेल लाइन का दोहरीकरण होता था। आज औसतन 200 किलोमीटर रेल लाइन के दोहरीकरण का कार्य हो रहा है। वर्ष 2014 से पूर्व उत्तर प्रदेश में सिर्फ 11,000 कॉमन सर्विस सेण्टर कार्य कर रहे थे। आज 01 लाख 30 हजार से अधिक कॉमन सर्विस सेण्टर कार्य कर रहे हैं। एक समय मंे उत्तर प्रदेश में 12 मेडिकल कॉलेज थे। आज 35 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज हैं। 14 नये मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश विकास की जिस धारा पर चल रहा है। उसके दो पहलू इरादा और मर्यादा हैं। हम देश के वर्तमान के लिए ही नयी सुविधाएं ही नहीं गढ़ रहे, बल्कि देश का भविष्य भी गढ़ रहे हैं। पी0एम0 गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के जरिए हम 21वीं सदी के इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में जुटे हैं। विकास के लिए हमारा सेवा भाव ऐसा है कि हम समय की मर्यादा को टूटने नहीं देते। हमारे समय की मर्यादा पालन के अनगिनत उदाहरण उत्तर प्रदेश में हैं। श्री काशी विश्वनाथ धाम के सुन्दरीकरण का कार्य हमारी सरकार ने शुरु किया और हमारी सरकार ने पूरा करके दिखाया। गोरखपुर एम्स, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का कार्य भी हमारी सरकार ने प्रारम्भ किया और पूरा भी किया। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का कार्य अगले वर्ष फरवरी में पूरा होना था, जिसे 07-08 महीने पहले ही तैयार कर लिया गया है। ऐसे कार्य से हर देशवासी को एहसास होता है कि उसके वोट का सदुपयोग हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत को बड़ी आशा से देख रही है। वर्तमान में हम आजादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहे हैं। अगले 25 वर्ष में भारत जिस ऊँचाई पर होगा उसका रोडमैप बना रहे हैं। आजादी के इस पर्व के लिए हमारे पूर्वजों ने सैकड़ों वर्ष लड़ाई लड़ी, बलिदान दिए, यातनाएं सहीं। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड की इस वीरभूमि से हमारी भारत के 06 लाख से अधिक गांव के लोगों से प्रार्थना है कि 15 अगस्त, 2022 तक हर गांव में अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जाएं। गांव मिलकर के कार्यक्रम करे, आजादी का अमृत महोत्सव मनाने की योजना बनाएं। वीरों, बलिदानियों तथा स्वतंत्रता सेनानियों को याद करें, हर गांव में नया संकल्प लेने का एक वातावरण बने।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत मे ऐसा कोई काम नहीं होना चाहिए, जो वर्तमान की आकांक्षा और भारत के बेहतर भविष्य से जुड़ा न हो। हम कोई भी फैसला लें, नीति बनाएं, सोच यही होनी चाहिए कि इससे देश का विकास तेज होगा। देश के विकास को प्रभावित करने वाली प्रत्येक बात से हम सभी को दूर रहना चाहिए। देश के विकास का जो मौका मिला है, उसका लाभ उठाकर भारत को नया भारत बनाना है। उन्होंने कहा कि हम देश में रोड बनाकर, नये रेल रूट बनाकर लोगों की आकांक्षाओं को पूरा कर रहे हैं। हम गरीबों के लिए करोड़ों पक्के घर बना रहे हैं। दशकों से अधूरी सिंचाई परियोजनाआंे को पूरा कर रहे हैं। छोटे-बड़े अनेक डैम बना रहे हैं। नये-नये बिजली के कारखाने बना रहे हैं, ताकि गरीब, किसान का जीवन आसान बने और देश के नौजवानों का भविष्य बेहतर होउन्होंने प्रसन्नता जतायी कि देश में जहां भी डबल इंजन की सरकार है, वह विकास के लिए मेहनत कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का संतुलित विकास, छोटे शहरों और गांवों में आधुनिक सुविधाओं का पहुंचना भी एक प्रकार से सच्चे अर्थ में सामाजिक न्याय का कार्य है। पूर्वी भारत, बुन्देलखण्ड के लोगों को दशकों से आधुनिक सुविधाओं से वंचित रखा गया। आज वहां आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पहंुचाना सामाजिक न्याय है। उत्तर प्रदेश के पिछड़े जिलों में सुविधाएं पहुंचाना भी सामाजिक न्याय है। गांव-गांव को सड़कों से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य करना, घर-घर तक रसोई गैस कनेक्शन पहुंचाना, गरीब को पक्के घर की सुविधा देना, घर-घर में पक्के शौचालय बनाना, यह सभी कार्य सामाजिक न्याय को मजबूत करने वाले कदम हैं। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लोगों को भी हमारे सामाजिक न्याय के कार्यों से बहुत लाभ हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड की एक और चुनौती को कम करने के लिए हमारी सरकार कार्य कर रही है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में हर घर तक पाइप से पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन पर कार्य किया जा रहा है। यहां लाखों परिवारों को नल का कनेक्शन दिया जा चुका है। इससे हमारी माताओं-बहनों को लाभ हुआ है और उनके जीवन में मुश्किलें कम हुई हैं। हम बुन्देलखण्ड क्षेत्र में नदियों के पानी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे हैं। रतौली बांध परियोजना, भावनी बांध परियोजना, मझगांव-चिल्ली स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजना, ऐसे ही प्रयासों का परिणाम हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए हजारों करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। इससे बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लोगों का जीवन बदलने वाला है। आजादी के अमृत महोत्सव पर देश ने अमृत सरोवरों की स्थापना का संकल्प लिया है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के प्रत्येक जनपद में 75-75 अमृत सरोवर बनाए जाएंगे। इस नेक कार्य के लिए अधिक से अधिक संख्या में लोग आगे आएं। अमृत सरोवर के लिए गांव-गांव कारसेवा का अभियान चलना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास में बहुत बड़ी ताकत यहां के कुटीर उद्योगों की परम्परा है। आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी सरकार द्वारा कुटीर उद्योगों की इस परम्परा पर बल दिया जा रहा है। ‘मेक इन इण्डिया’ इससे सशक्त होने वाला है। भारत हर वर्ष करोड़ों रुपये के खिलौने दुनिया के दूसरे देशों से मंगाता रहा है, जबकि भारत में खिलौने बनाना पारिवारिक एवं परम्परागत व्यवसाय रहा है। इसे देखते हुए उन्होंने खिलौना निर्माण को बढ़ाने का आग्रह किया। साथ ही, देशवासियों से भारतीय खिलौनों को खरीदने की अपील की। इससे आज विदेश से आने वाले खिलौनों में भारी कमी आयी है। साथ ही, भारत से बड़ी संख्या में खिलौने विदेश जाने लगे हैं। इससे खिलौना बनाने वाले परिवारों को लाभ हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड के झांसी, चित्रकूट में खिलौने की समृद्ध परम्परा रही है, जिसे डबल इंजन की सरकार द्वारा सशक्त किया जा रहा है। देश के सबसे बड़े खेल सम्मान का नाम बुन्देलखण्ड के सपूत मेजर ध्यानचन्द के नाम पर है। उनके नाम पर जनपद मेरठ में एक खेल विश्वविद्यालय का निर्माण किया जा रहा है। बुन्देलखण्ड की बेटी सुश्री शैली सिंह ने पिछले वर्ष अण्डर-20 वर्ल्ड एथेलेटिक्स चैम्पियनशिप में लम्बी कूद प्रतिस्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता है। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र युवा प्रतिभाओं से भरा है। यहां की प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिले, पलायन रुके, आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर बने, इस दिशा में हमारी सरकार कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री जी द्वारा 296 किलोमीटर लम्बाई वाले बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के लिए बुन्देलखण्डवासियों को बधाई देते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। यह एक्सप्रेस-वे बुन्देलखण्ड तथा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नया आयाम देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे जनपद-चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया होते हुए इटावा में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जुड़ रहा है। इससे बुन्देलखण्ड क्षेत्र की कनेक्टिविटी आसान होगी। साथ ही, चित्रकूट से दिल्ली की दूरी छः-साढ़े छः घण्टे में तय की जा सकेगी। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे, बुन्देलखण्ड क्षेत्र के नौजवानों की पलायन की समस्या के समाधान के साथ ही, प्रधानमंत्री द्वारा डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत उपलब्ध कराये गये झांसी व चित्रकूट नोड को आगे बढ़ाने में भी सहायक होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा माह फरवरी, 2020 में जनपद चित्रकूट में बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे की अधारशिला रखी गयी थी। इसके बाद से ही पूरा विश्व कोरोना महामारी की चुनौती का सामना कर रहा है। इसके बावजूद विगत 28 माह में 04-लेन (06-लेन विस्तारणीय) बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण किया जाना महत्वपूर्ण है। आज पूरा बुन्देलखण्ड क्षेत्र गर्व और गरिमा महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद से ही देश और प्रदेश को विकास एवं ईज़ ऑफ लिविंग की सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने देश और प्रदेशवासियों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए देश को जो दिशा दी है, उत्तर प्रदेश उसे अंगीकार कर आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का जालौन आगमन महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री द्वारा ग्रामोदय से राष्ट्रोदय की परिकल्पना को साकार करने वाली ग्रामीण आवासीय अभिलेख की परियोजना, स्वामित्व योजना (घरौनी) शुरू की गयी है। जनपद जालौन प्रदेश का पहला ऐसा जनपद है, जहां शत-प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) उपलब्ध करा दी गयी है। घरौनी के माध्यम से ग्रामीण परिवारों को अपने पुश्तैनी घर की जमीन का मालिकाना हक का कागज प्राप्त हुआ है। इससे गरीब से गरीब परिवार को अपने घर की जमीन पर हक मिलना सुनिश्चित हुआ है। साथ ही, इस अभिलेख के जरिये आगे बढ़ने की आर्थिक चुनौतियों के समाधान का मार्ग भी प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस अवसर पर बुन्देलखण्ड सूखे की समस्या का समाधान करने की ओर आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा अर्जुन सहायक सिंचाई परियोजना का उद्घाटन किया गया। ऐसी ही लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक परियोजनाओं को पूरा कर प्रदेश में 21 लाख हेक्टेयर से अधिक अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित की गयी है। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हम बुन्देलखण्ड क्षेत्र में हर घर नल योजना को पूर्ण करने की ओर अग्रसर है। हर घर में शुद्ध पेयजल के प्रधानमंत्री के अभियान के तहत बहुत शीघ्र ही बुन्देलखण्ड क्षेत्र के हर घर में पीने का शुद्ध पानी सुलभ होगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए औद्योगिक विकास मंत्री नन्दगोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ ने कहा कि हम सभी का सौभाग्य है कि हम उस कालखण्ड के साक्षी हैं, जब भारत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के हाथ में सुरक्षित है। भारत को विश्व गुरु के रूप में देखने वाला हर भारतीय, उन्हें भाग्यविधाता के रूप में देखता है। मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने के संकल्प के साथ प्रदेशवासियों की सेवा, सुरक्षा व सुशासन के लिए कार्य कर रहे हैं। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे निर्धारित समय-सीमा से 08 महीने पहले पूर्ण कर लिया गया। इससे 1,132 करोड़ रुपये की बचत हुई है। प्रधानमंत्री द्वारा इस एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण के बाद भारत के कुल एक्सप्रेस-वे की लम्बाई का 37.7 प्रतिशत उत्तर प्रदेश में हो जाएगा।
इस अवसर पर केन्द्रीय एम0एस0एम0ई0 राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, औद्योगिक विकास राज्य मंत्री जसवन्त सिंह सैनी, जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद, श्रम एवं सेवायोजन राज्य मंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा जनसमुदाय उपस्थित था।
न्यूज़ ऑफ इंडिया